जयपुर (सौरभ भट्ट). सहकारी बैंकों में एमएससी आईटी की फर्जी डिग्री दिखा एक साथ दो-दो वेतन वृद्धि ले चुके कर्मचारियों से सरकार ने रिकवरी करना शुरू कर दिया है। ऐसे कर्मचारियों से वेतन वृद्धि वापस लेकर उन्हें अब तक हुए वित्तीय लाभ को वापस ले लिया गया है। साथ ही सरकार को धोखा देने के मामले में ऐसे अधिकारियों व कर्मचारियों को चार्जशीट दी जा रही है। भास्कर ने पिछले साल सहकारी बैंकों में फर्जी डिग्री से प्रमोशन लिए जाने के घोटाले का खुलासा किया था। इसके बाद विभाग ने सभी जिलों में मामले की जांच के निर्देश जारी कर दिए थे।
अपेक्स बैंक में फर्जीवाड़ा के सबसे ज्यादा 46 मामलों का खुलासा हुआ
उदयपुर, अजमेर, दौसा, हनुमानगढ़, झुंझुनू, झालावाड़ और नागौर में 46 कर्मचारियों से 72 लाख रुपए से ज्यादा की रिकवरी की जा चुकी है। वहीं गंगानगर, सीकर, जयपुर, अलवर और बीकानेर में भी बड़ी संख्या में फर्जी डिग्री से वेतनवृद्धि लिए जाने के मामले सामने आए हैं। इन जिलों से भी रिकॉर्ड मंगवाकर जांच की जा रही है। जयपुर के अपेक्स बैंक में सबसे ज्यादा 44 मामले सामने आए हैं। हालांकि अब तक अपेक्स बैंक की ओर से मामले की जांच अभी तक पूरी नहीं की गई है। जांच पूरी होने के बाद करोड़ों रुपए तक की रिवकरी होने की संभावना है।
स्पेशल डिग्री वालों के लिए दो वेतन वृद्धि देने का किया गया था प्रावधान
सहकारी बैंकों में 14वें वेतन समझौते में यह प्रावधान किया गया था कि यदि कोई कर्मचारी एमएससी आईटी, एमटेक या एमसीए की डिग्री लेता है तो उसे एक साथ दो वेतनवृद्धि का लाभ दिया जाएगा। यह आदेश इसलिए जारी किए गए थे ताकि सहकारी बैंकों में कंप्यूटरीकरण को बढ़ावा मिल सके। आदेश के बाद सहकारी बैंकों में डिग्रियों की बाढ़ आ गई। प्राइवेट यूनिवर्सिटी के एजेंटों के जरिए ऑफिस रहते हुए कर्मचारियों ने एमएससी आईटी, एमटेक और एमसीए की रेग्यूलर डिग्रियां ले ली। जांच में आया कि जिन कर्मचारियों और अधिकारियों ने ये डिग्रियां लीं वे परीक्षा के दिन भी ऑफिस में मौजूद थे।
कुछ जिलों में अभी जांच पूरी नहीं हुई
सहकारिता रजिस्ट्रार डॉ. नीरज के पवन ने बताया कि हमने सभी जिलों को निर्देश जारी किए हैं। जिन जिलों से प्रकरण हमें भिजवाए जा चुके हैं उनसे रिकवरी की जा रही है। कुछ जिलों में अभी जांच पूरी नहीं हुई है।